tag:blogger.com,1999:blog-1061122214972196328.post125358320232406495..comments2023-09-22T22:04:50.552+05:30Comments on उम्मीद है....: मेरा कबूलनामा ३...दिल सेसुबोधhttp://www.blogger.com/profile/10810549312103326878noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1061122214972196328.post-27584354131679513242009-01-16T05:00:00.000+05:302009-01-16T05:00:00.000+05:30सुबोध जी, बहुत अच्छा ... आपने मुझे भी अपनी दादी की...सुबोध जी, <BR/>बहुत अच्छा ... आपने मुझे भी अपनी दादी की याद दिला दी ... दरअसल मेरा मानना है कि एक व्यक्ति की जिंदगी में अगर मां-बाप अगर घर की छत की तरह होते हैं तो बाबा-दादी घर के उस कोने की तरह,, जो सिर्फ आपका और सिर्फ आपका होता है ... जहां आप अपनी जिंदगी से जुड़ी कोई भी बात share कर सकते हैं ... कम से कम मेरे साथ तो ऐसा ही था ... मेरे बाबा तो तब चले गये थे जब मैं करीब दस साल का रहा होउंगा ... लेकिन उनका प्यार आज भी याद है ... दादी का प्यार खूब मिला ... आज भी याद है कि अकेली होने के बावजूद जब उन्हें पता लगता था कि मैं उनसे मिलने आ रहा हूं तो इतना बूढ़ा शरीर होने के बावजूद वो मेरी पसन्द की चीजें बनाकर रखती थीं ... जब हौंसला टूटता तो ऐसी हिम्मत बंधाती थीं कि फिर से लड़ने के लिए खड़ा हो जाता था ... I really miss them. ...Ritu Raj Guptahttps://www.blogger.com/profile/17523091170977514104noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061122214972196328.post-77499033750154558692008-12-30T08:05:00.000+05:302008-12-30T08:05:00.000+05:30सुबोध जीआपके परिवार से मिलकर अच्छा लग रहा है... सा...सुबोध जी<BR/><BR/>आपके परिवार से मिलकर अच्छा लग रहा है... साथ ही इसे पता चल रहा है...कि आप कितने संजीदा इंसान है...लेकिन साथ ही इस बात का दुख भी हुआ...कि आज आपने दिल से नहीं लिखा...सुबोध जी अच्छा है...कि आप लिखने को इतना टाइम दें रहे है...लेकिन ये तब और अच्छा हो जायेगा ..अगर आप रोज इसके साथ हमें कुछ राजनैतिक हलचल से भी रू ब रू कराये.. कि क्या हो रहा है... और क्यो हो रहा...इससे क्या फायदे है...और क्या नुकसान क्योकि हमें राजनिति के बारें में बहुत कुछ समझ नहीं है...प्लीज़ मेरी इस दरख्वाज को पुरा करने की कोशिश जरूर करें...Anonymousnoreply@blogger.com