गुरुवार, 14 अगस्त 2008

खुशी है छलक ही आती है


ये खुशी है...झूमती हुई...इठलाती हुई...सूरज की रोशनी से भी तेज भागती हुई...बचपन की ताजगी के बीच ये खुशी ऐसे ही छलकती रहे...हमेशा ये ताजगी बनी रहे...