सानिया की शादी के बाद उनके खेल का मुल्क क्या होगा ये सवाल किसका है। आम लोगों का, नेताओं का. या फिर मीडिया का। अमिताभ सदी के महानायक हैं ये किसने तय किया। उनके फैन्स ने, खुद उन्होने, या फिर मीडिया ने। जो अमर सिंह एक चुनाव लड़ने और जीतने की हैसियत नहीं रखते उनकी प्रेस कांफ्रेंस घंटों लाइव क्यों चलती हैं। क्या अमर ऊंचे कद के नेता हैं या फिर मीडिया उन्हें बड़े नेता के तौर पर पेश करने पर तूली है। ऐसे तमाम सवाल हैं जो मीडिया की साख के सामने खड़े हैं। खबरों का मसाला तैयार करने के लिए विवादों को कैश करना मीडिया की आदत बन चुका है। अगर विवाद के साथ कोई सेलिब्रेटी जुड़ा हो तो खबरों का तड़का और भी जबरदस्त हो जाता है। मीडिया ने शायद ही सानिया के खेल को कभी इतनी तब्बज़ो दी हो जितना उनकी शोएब से शादी को हासिल हो रही है। कहानी मजेदार है सो बेची जा रही है। कहा जाता है कि टीवी सबसे मुश्किल माध्यम है दर्शक को अपने चैनल पर रोकना उससे भी मुश्किल है। इसी मुश्किल से न्यूज चैनलों की तमाम मुश्किलों की शुरुआत होती है। एक अप्रैल खबरों के लिहाज से बड़ा दिन था। एक ओर बायोमिट्रिक जनगणना की शुरुआत हुई तो दूसरी ओर राइट टू एजुकेशन का कानून लागू हुआ। रिटायर सैनिकों के पेंशन के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई। लेकिन इन सभी खबरों पर सानिया की खबर भारी पड़ी। हद तो तब हो गई जब एक साइट पर अप्रैल फूल बनाने के लिए छपी सानिया की खबर को कई चैनलों ने बतौर ब्रेकिंग न्यूज तक में चला डाला। बाद में साइट ने स्पष्ट किया की वो देखना चाहते थे कि दूसरी साइट वाले और न्यूज चैनल्स किस तरह से खबरों की चोरी करते हैं। कईंयों की चोरी पकड़ी गई। इस हड़बड़ी ने कई बातें साफ कर दीं...पहली ये कि चैनल के मालिकान टीआरपी का बहाना बनाकर अपने गिरेवान में झांकना नहीं चाहते। दूसरा ये कि न्यूज को मनोरंजक बनाने के लिए खबर की जान ले लेने से भी अब टीवी संपादकों को कोई परहेज नहीं है। ये बात पूरी तरह सच है कि खबरों को लेकर दर्शकों का जायका बिगड़ा है लेकिन उतना बड़ा सच ये भी है कि उसे बिगाड़ने का काम खुद न्यूज चैनल ने किया है। बेसुरी और बेअक्ल राखी सांवत अगर खुद को सेलिब्रेटी समझती हैं तो सिर्फ और सिर्फ टीवी वालों की वजह से। अमर बार बार भद्दी शायरियां सुनाकर खुश होते हैं तो उसके पीछे भी टीवी चैनलों की सोच जिम्मेदार है। अमिताभ चैनलों को बुरी तरह तताड़ लगाकर चलते बनते हैं और कल तक चुप रहने वाली जया बच्चन चैनल वालों को आमंत्रित करके उनकी बेइज्जती करतीं हैं तो सिर्फ और सिर्फ टीवी संपादकों की छिछली सोच की वजह से। हमने दर्शकों को इन्हीं जायकों का आदी बनाया है और इस बदमिजाजी को परोसने के बाद पत्रकार की हैसियत से इज्जत की उम्मीद रखना ठीक नहीं है।
6 टिप्पणियां:
jo hai wo sach hai, par hangama khada karnja hamara majksad nahin, maksad hai ki ab ye surat badalni chahiye.
मैं भारतीय हूँ, मुझे तो कोई एतराज नहीं वो अमेरिकन से शादी करे या पाकिस्तानी। तुम्हारे शुरूआत के तर्क बेहद प्रभाव शील है।
ये इंडिया है सुबोध यहां जिनीयसपने से नहीं... जुगाड़ से काम चलता है... टेलीविजन को अपना मार्केट पता है... उन्हें पता है कि लोग राइट टू एजुकेशन देखने के लिए उनके चैनल पर नहीं रूकेंगे... बल्कि सानिया की शादी... उनकी स्कर्ट... राखी सावंत का ड्रामा दिखाने पर ही रूकेंगे... अगर इसमें सुधार चाहिए तो सबको मिलकर काम करना होगा.. ऐसा नहीं होगा कि कोई खबरें दिखा दिखा कर अपने बिजनेस की ऐसी तैसी करवाता रहे... और कोई यही सब घटियापना दिखाकर अपने स्लॉट में ऐड की टाइमिंग बढ़ाता रहे...
यू तो प्रेम को किसी धर्म, सम्प्रदाय या मुल्क की जन्ज्जीरों में नहीं जकड़ा जाना चाहिए
परन्तु भारत पाक सम्बन्ध हमें कुछ ऐसा सोचने पर मजबूर करते है
यह निकाह सानिया की तरफ से ऐसी सोच से परे भारतीय पहल है जिसका हमे स्वागत करना चाहिए
Subodh bhai,
Ye sach hai ki Television Media bhi ek market hi ho gayi hai aur masaledaar news ko dikhane me koi bhi parhez nahi karta lekin yahan ye sochne ki baat hai ki Masaledaar news ko dikhana aur baat hai aur news me kuch baaten maslan saniya shadi ke bad kahan rahengi ya kiski taraf se khelengi ko zabardasti banana shayad sharmnaak hai.aur ye main bilkul saaf kar dena chahta hoon ye jis TV channle ne dikhaya ki wo Pakistan ki taraf se khelengi ya India ki tarf se usne ye sarve nahi karaya hoga aur na hi saniya se pucha hoga...to jab unko ye news mili hi nahi ki kiski taraf se khelengi to ye sawaal uthana kaisa..News channle wale ye bhool gaye hain ki unhe sirf news dikhana chahiye na ki news dekhne layak pakana.
Aur ye sawaal ek khiladi ko sirf aahat karne wala hai..Na ki koi BREAKING NEWS.
क्या कह दिया सुबोध जी आपने, बेसुरी और भद्दी राखी सावंत...गलत बात, ऐसा नहीं कहते। कईयों को तो उसी में रब दिखाता है। खैर ! असल मुद्दा तो सानिया का है, मेरा मतलब उसके स्कर्ट का है। एक फिल्म आई थी वीर जारा, वीर प्रताप सिंह ने जारा हयात खान से निकाह की तमन्ना की थी। कहानी हिट रही, हर कोई रोया । गदर का भी कमोवेश यही हाल रहा। ऐसी ही न जाने कितनी फिल्में हैं जिसमें हिंदुस्तानी लड़के ने पाकिस्तानी लड़की से शादी की । लेकिन मुझे याद नहीं कि किसी फिल्मकार ने किसी पाकिस्तानी लड़के से हिंदुस्तानी लड़की की शादी कराई हो। इस कहानी में भी पूरा खेल यही है. हांलाकि खेल एक और भी है अगर जानना चाहते हैं तो इस बकैत को पढ़ें 'खालिस बकैती'में। क्लिक कीजिए WWW.RENUKOOT.BLOGSPOT.COM
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