रविवार, 9 मार्च 2008

सबा के नाम ख़त

सबा तुम तकलीफ में हो...
जिंदगी और मौत के सारे फर्क
मिट चुके हैं
तुम्हारे लिए.......
तुम्हारी जमीन पर
फूलों ने भी महकना
छोड़ दिया है....
अपने घर में
कैद कर दिए गए हैं
तुम्हारे लोग...
बचपन अपनी मासूमियत
भूल चुका है...
बच्चों ने एक अर्से से
शरारते नहीं की..
सभी की उम्र
मौत के अंदेशों से थम चुकीं है..
रोज अपनों को विदा करते करते
तुम्हारी आंखों ने रोना छोड़ दिया है
सबा...
तुम्हारी इस हालत के गुनहगार
हम सब हैं...
हमारी सरकारें गूंगी हो चुकी हैं
विकास की अधकचरी तस्वीर से
हमारी आंखे बंद की जा चुकी हैं...
हमारे भविष्य की
बाजार में बोली लगाकर..
हमें चुप रहने की
हिदायद दे गई है...
सबा हम गाजा नहीं जानते
नहीं जानते कि क्या हो रहा है वहां
हम सिर्फ हिलेरी और ओबामा की
खबरें पढ़ते हैं
सबा
हमारी समझ कुंद कर दी गई है..
इसीलिए तुम्हारी हालत के लिए
हम सब जिम्मेदार हैं...
( मोहल्ला का शुक्रिया..सबा का ब्लॉग पढ़ा...उसके बाद जो मन में आया लिखकर मन का बोझ हल्का करने की कोशिश की )

ये म्याऊं नहीं करतीं

म्याऊं एफएम के बारे में रवीश के ब्लॉग पर पढ़ा था...दिल्ली में आने के बाद म्याऊं रेडियो से पाला भी पड़ा....बस में धक्के खाते...अचानक रेडियो म्याऊं ट्यून हो गया...महिलाएं म्याऊं म्याऊं करके बातिया रही थीं...हंसी हंसी के बीच महिलाओं का आत्मविश्नवास देखते ही बन रहा था...बोल्ड एंड इंटेलिजेन्ट....लगा की महिलाओं की यही बोल्डनेस रही तो एक दिन भौं भौं रेडियो पुरुषों का आत्मविश्वास पैदा करता सुनाई देगा...दरअसल ये महिलाओं की वो म्याऊं है...जो अमूमन दिल्ली के एअरकंडिशन घरों में बैठ कर दर्ज कराई जा रही है...ऐसी महिलाएं शायद अपने कारों के शीशों से बाहर देखना नहीं चाहतीं....दिल्ली जिन हाथों से खूबसूरत हो रही उनमें कई हाथ यूपी.. बिहार एमपी से आई महिला मजदूरों के हैं...ये महिलाएं रेडियो म्याऊं नहीं सुनती...वो केवल रेत में खेलते अपने बच्चों की तोतली जुबान को पहचानती हैं....ये महिलाएं फिट रहने या सुंदर दिखने के नुस्खे आपस में शेयर नहीं करतीं...इन्हें पुरुषों को सोफेस्टिकेटड तरीके से कोसना भी नहीं आता...ये गरियाती हैं...जमकर....आप इसे भले उनका गवांरुपन समझे...लेकिन ये उनका सहज गुस्सा है...अपने हक का गुस्सा...पुरुषों के साथ काम करके दो वक्त की रोटी खाने खिलाने के हेकड़ी का नतीजा...शायद तभी ये महिलाएं म्याऊं नहीं करती बल्कि दहाड़ती हैं...