कुछ सुनने का मन ना हो...
तो कुछ कहने की फुरसत निकाल लेनी चाहिए...
कभी सुना या कहा पूरा नहीं होता...
कभी समझा हुआ सच नहीं होता...
कभी सच समझना मुश्किल होता है...
तो कभी समझा हुआ मुश्किल लगता है
गिले शिकवे की लड़ाई
जिंदगी से बड़ी नहीं होती
शिकायतें अक्सर पराई होती हैं
खुद से नहीं होतीं
दुनिया बड़ी है
उसके दस्तूर बड़े हैं
लोग बडे हैं
उलझने बड़ी हैं
लेकिन दोस्त जिंदगी बहुत छोटी है
तो कुछ कहने की फुरसत निकाल लेनी चाहिए...
कभी सुना या कहा पूरा नहीं होता...
कभी समझा हुआ सच नहीं होता...
कभी सच समझना मुश्किल होता है...
तो कभी समझा हुआ मुश्किल लगता है
गिले शिकवे की लड़ाई
जिंदगी से बड़ी नहीं होती
शिकायतें अक्सर पराई होती हैं
खुद से नहीं होतीं
दुनिया बड़ी है
उसके दस्तूर बड़े हैं
लोग बडे हैं
उलझने बड़ी हैं
लेकिन दोस्त जिंदगी बहुत छोटी है