बुधवार, 22 जुलाई 2009

भगवान इन टीवी के प्रलय से बचाओ


भगवान तू कहां है। तू कहता है कि जब जब हम पर संकट आता है तू कोई ना कोई रूप धर कर संकट से उबारने आ जाता है। भगवान एक रियल संकट घर में घुस आया है। हमारे प्राण रोज संकट में होते हैं प्रभु। ऐसा शायद ही कोई दिन होता होगा जब मौत हमारे पीछे ना पड़ती हो। सब कुछ मौत के साथ जुड़ा लगता है। मौत का खाना. मौत की दाल। भगवन आपने हमें जिंदगी दी, और ये न्यूज चैनल वाले हमारी जान के पीछे पड़ गए हैं। कई बार लगा की आज ही प्रलय आ जाएगा। लेकिन वो हमारा लक था जो हम बच गए। एक भयानक किस्म का सनसनीखेज बाबा आकर बकायदा डरा भी गया था। अपने टकलेपन के ओज से ओतप्रोत वो बार बार हमारी राशि पर आने वाले तमाम संकट के बारे में भी बहुत कुछ सुना गया। लगता तो यही है प्रभु ये टकला हमारी जान के पीछे पड़ गया है। अब जबकि सूर्य ग्रहण के तमाम प्रकोप से भी तुम बचा चुके हो, उसी तरह हमें इन टीवी वालों से बचा लो। भगवन ये टीवी वाले हमें नहीं छोड़ेंगे, देखना सूरज के ग्रहण को जबरन हमारी जिंदगी में कलह फैलाने के लिए घुसा देंगे। भगवान कुछ ऐसा करो कि टीवी पर प्रलय आना बंद हो जाए, हमारी जिंदगी में इसके सिवा कोई प्रलय नहीं है।