मैने निराशा में जीना सीखा है,निराशा में भी कर्तव्यपालन सीखा है,मैं भाग्य से बंधा हुआ नहीं हूं...राममनोहर लोहिया
रविवार, 24 जून 2007
खबर क्या है
मुझे लगता है कि समाचारों को लेकर टीवी चैनल्स का नजरिया काफी संकुचित हुआ है। हमारे पास खबरें हैं लेकिन उसे लेकर हमारी कोई सोच नहीं रह गयी है । धरने और आम आदमी खबरों से गायब होता जा रहा है। शायद वो बाजार का हिस्सा नहीं है इसीलिये
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