रविवार, 7 अक्तूबर 2007

मासूम आंखें

जी भर रो लेने के बाद
बच्चों की मासूम
आंखें..
पहले से कहीं ज्यादा
चमकदार हो जाती हैं...
उन्हें
नहीं आती
बड़ों की तरह
आंसुओं को छुपाने की
बहादुरी..
वो नहीं जानती
बड़ों की तरह
आंखों की बनावटी भंगिमाएं..
नफरतों
के पैमानों से
अन्जान होती हैं
बच्चों की आंखें..
इसलिए
शायद चमकदार होती हैं
बच्चों की आंखें..

3 टिप्‍पणियां:

पारुल "पुखराज" ने कहा…

जी भर रो लेने के बाद
बच्चों की मासूम
आंखें..
पहले से कहीं ज्यादा
चमकदार हो जाती हैं... बड़ी सच्ची बात …

Manish Kumar ने कहा…

नफरतों
के पैमानों से
अन्जान होती हैं
बच्चों की आंखें..
इसलिए
शायद चमकदार होती हैं
बच्चों की आंखें..

सुंदर पंक्तियाँ..

javed ने कहा…

very true