मंगलवार, 4 मई 2010

जिंदगी को कैसे देखें...


(कुछ बातें दिल को छू जाती हैं...१७ दिसम्बर २००८ को दैनिक भास्कर में छपे सम्पादकीय में विचारक स्टीफन आर कवी का इंटरव्यू छपा था...उन्होने कुछ ऐसी बातें कही... जिसने मुझे काफी प्रभावित किया...उनके इंटरव्यू के कुछ अंश यहां कोड कर रहा हूं...)


सवाल...जिंदगी को कैसे देखें...

स्टीफन...शरीर के बारे में सोचिए कि आपको दिल का दौरा पड़ चुका है...अब उसी हिसाब से खानपान और जीवनचर्या तय करें...दिमाग के बारे में सोचिए कि आपकी आधी पेशेवर जिंदगी सिर्फ दो साल है...इसलिए इसी हिसाब से तैयारी करें...दिल के बारे में ये मानिए कि आपकी हर बात दूसरे तक पहुंचती है...लोग आपकी बात छिपकर सुन सकते हैं...और उसी इसी हिसाब से बोलें...जहां तक भावना का सवाल है...ये सोचिए कि आपका ऊपरवाले के साथ हर तीन महिने में सीधा साक्षात्कार होता है...इसी हिसाब से जीवन की दिशा तय करें...

3 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

प्रेरक अंश!! आभार.

Shekhar Kumawat ने कहा…

way me sochne wali bate he

deepak ने कहा…

Agar hamare dil kee bat un tak pahunchtee hai rai, to wo hame yad kyo nahi karte, jinke hone ka ehsaas har pal hum par chhaya rahta hai....