मोहल्ले में पार्क के आसपास सौन्दर्यीकरण कराने की योजना कुछ रिटायर लोगों के दिमाग में सूझी। चूंकि रिटायर लोगों की मोहल्ला समिति लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी थी सो इस फैसले पर काम के तरीके को लेकर पहले बहस कराने का फैसला हुआ। छह महिने से ज्यादा बीत चुके हैं बहस जारी है। सड़क अब पहले से ज्यादा उबड़ खाबड़ हो चुकी है पार्क की दीवारें दरक रही हैं। सुना है अगले महिने मोहल्ला समिति के चुनाव हैं और प्रत्याशी अपने पोस्टरों पर पार्क के आसपास सौन्दर्यीकरण कराने के वादे और नारे लिखने वाले हैं।
2 टिप्पणियां:
बहस तब भी करते थे अब भी करते है।लोग तब भी रोते थे अब भी रोते है।क्या कहे आदत से मजबूर है वो भी और हम भी।
kul milakar yahi kah sakte hain ki log yani ki ham log , bahas mubahise me ulajhna bakubi jante hai . wahin jaruratmand hamein bahas mein uljhana jante hain . goya ganit aisa ban chuka hai ki swal ab fansne aur fasane tak simat chuka hai . ham ise hal kar skte hain, kya aisa lagta hai.
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