( हिन्दुस्तान की सेकुलर छवि... और पाकिस्तान को लेकर नफरत की आग के बीच... ये विहिप और तोगड़िया को करारा जबाब देती खबर है... हिन्दुस्तान में बाबरी मस्जिद को गिराना भले विहिप और बजरंग दल के लिए गौरव की बात हो...लेकिन पाकिस्तान में एक मुस्लिम मंदिर को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है... ये ख़बर इंसानियत औऱ धर्म के ऐसे दुश्मनों के लिए सबक से कम नहीं है...ये ख़बर http://www.hindimedia.in/से साभार ली गई है... आप इस खबर को देखने के लिए सीधे इस लिंक पर भी जा सकते हैं..http://www.hindimedia.in/content/view/2636/134/)
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पाकिस्तान के लाहौर में एक मुसलमान वहाँ पाकिस्तानी सरकार द्वारा गिरा दिए गए एक मंदिर को फिर से बनाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। चौधरी रहमत अली गुज्जर अपनी यह जंग अकेला ही ल़ रहा है, 1947 में भारत के बँटवारे के समय उसके पिता को पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी मुसलमानों ने मंदिर और हिंदुस्तानियों को बचाने के ‘अपराध’ में जेल में डाल दिया था और उनको इतनी यातना दी गई कि जेल में ही उनकी मौत हो गई। बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान लाहौर में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में अलग-अलग शहरों में मौजूद कई मंदिरों को तोड़ दिया गया था। लेकिन लाहौर के बाबा माहर दास मंदिर को गिराने पहुँचे दंगाइयों को चौधरी रहमत अली ने अपने साथियों की मदद वहाँ से खदेड़ दिया था, तब तो चौधरी ने मंदिर को बचा लिया, मगर पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुसलमानों को यह मंदिर खटकने लगा था। पाकिस्तान में स्थित हिन्दू मंदिरों के लिए शोध कर रहे इतिहासकार सुरेन्द्र कोचर अपनी शोध के सिलसिले में कई बार पाकिस्तान जा चुके हैं। जब उनकी मुलाकात इस पाकिस्तानी युवक से हुई तो उसने कहा कि हमारे घर और हवेली पर माँ साहिब (मां शेरां वाली) का पहरा है। माँ शेरावाली, भगवान कृष्ण और गुरुनानक देव जी हमारे सांझा पैगंबर हैं।लाहौर वच्छूवाली मोहल्ले में स्थित 325 साल पुराना बाबा मेहरदास का यह मंदिर 9 मार्च 2006 को कट्टरपंथी मुसलमानों ने हिंदुओं की संपत्ति के रखरखाव के लिए बने सरकारी विस्थापक ट्रस्ट संपत्ति (इवैक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी) बोर्ड की मिलीभगत से गिरा दिया था। 28 मई 2006 को डॉन अखबार में खबर छपी कि व्यापारिक स्थल बनाने के लिए मंदिर गिरा दिया गया। इन मंदिरों की जमीन पर लाहौर के एक बिल्डर की निगाहें लगी हुई थी। बिल्डर ख्वाजा सुहैल नसीम ने स्थानीय प्रशासन और पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग से मिलीभगत कर कर मंदिर वाली जगह पर पाँच मंजिली प्लाजा बनाने की योजना बना ली। एक रात ख्वाजा सुहैल अपने गुर्गों, खुफिया एजेसियों और फौजी अधिकारियों को लेकर आया और चौधरी को उसके ही घर में नजरबंद करके मंदिर को गिरा दिया। वच्छूवाली विभाजन के पहले अमीर हिन्दुओं की बस्ती थी और उन लोगों ने ही यहाँ कई मंदिर भी बनवाए थे। पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुसलमानों ने पाकिस्तान सरकार की मौन स्वीकृति से इन सभी मंदिरों को नष्ट कर दिया। इन मंदिरों में 1680 में बने मंदिर बाबा माहर दास का विशेष महत्व था। इसके प्रवेश द्वार पर हनुमान जी की मूर्ति थी। अंदर राधा-कृष्ण और राम दरबार की मूर्तियाँ थीं, और इन मूर्तियों पर करोड़ों रुपेय की कीमत के कीमती आभूषण थे।
इससे संबंधित खबरें पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित की है। उनकी लिंक यहाँ उपलब्ध है।
http://www.dawn.com/2006/05/28/nat23.htm
http://www.dawn.com/2006/06/13/nat16.htm
http://www.shaivam.org/siddhanta/toi_pakistan.htm
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साभार....http://www.hindimedia.in/
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पाकिस्तान के लाहौर में एक मुसलमान वहाँ पाकिस्तानी सरकार द्वारा गिरा दिए गए एक मंदिर को फिर से बनाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। चौधरी रहमत अली गुज्जर अपनी यह जंग अकेला ही ल़ रहा है, 1947 में भारत के बँटवारे के समय उसके पिता को पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी मुसलमानों ने मंदिर और हिंदुस्तानियों को बचाने के ‘अपराध’ में जेल में डाल दिया था और उनको इतनी यातना दी गई कि जेल में ही उनकी मौत हो गई। बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान लाहौर में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में अलग-अलग शहरों में मौजूद कई मंदिरों को तोड़ दिया गया था। लेकिन लाहौर के बाबा माहर दास मंदिर को गिराने पहुँचे दंगाइयों को चौधरी रहमत अली ने अपने साथियों की मदद वहाँ से खदेड़ दिया था, तब तो चौधरी ने मंदिर को बचा लिया, मगर पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुसलमानों को यह मंदिर खटकने लगा था। पाकिस्तान में स्थित हिन्दू मंदिरों के लिए शोध कर रहे इतिहासकार सुरेन्द्र कोचर अपनी शोध के सिलसिले में कई बार पाकिस्तान जा चुके हैं। जब उनकी मुलाकात इस पाकिस्तानी युवक से हुई तो उसने कहा कि हमारे घर और हवेली पर माँ साहिब (मां शेरां वाली) का पहरा है। माँ शेरावाली, भगवान कृष्ण और गुरुनानक देव जी हमारे सांझा पैगंबर हैं।लाहौर वच्छूवाली मोहल्ले में स्थित 325 साल पुराना बाबा मेहरदास का यह मंदिर 9 मार्च 2006 को कट्टरपंथी मुसलमानों ने हिंदुओं की संपत्ति के रखरखाव के लिए बने सरकारी विस्थापक ट्रस्ट संपत्ति (इवैक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी) बोर्ड की मिलीभगत से गिरा दिया था। 28 मई 2006 को डॉन अखबार में खबर छपी कि व्यापारिक स्थल बनाने के लिए मंदिर गिरा दिया गया। इन मंदिरों की जमीन पर लाहौर के एक बिल्डर की निगाहें लगी हुई थी। बिल्डर ख्वाजा सुहैल नसीम ने स्थानीय प्रशासन और पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग से मिलीभगत कर कर मंदिर वाली जगह पर पाँच मंजिली प्लाजा बनाने की योजना बना ली। एक रात ख्वाजा सुहैल अपने गुर्गों, खुफिया एजेसियों और फौजी अधिकारियों को लेकर आया और चौधरी को उसके ही घर में नजरबंद करके मंदिर को गिरा दिया। वच्छूवाली विभाजन के पहले अमीर हिन्दुओं की बस्ती थी और उन लोगों ने ही यहाँ कई मंदिर भी बनवाए थे। पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुसलमानों ने पाकिस्तान सरकार की मौन स्वीकृति से इन सभी मंदिरों को नष्ट कर दिया। इन मंदिरों में 1680 में बने मंदिर बाबा माहर दास का विशेष महत्व था। इसके प्रवेश द्वार पर हनुमान जी की मूर्ति थी। अंदर राधा-कृष्ण और राम दरबार की मूर्तियाँ थीं, और इन मूर्तियों पर करोड़ों रुपेय की कीमत के कीमती आभूषण थे।
इससे संबंधित खबरें पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित की है। उनकी लिंक यहाँ उपलब्ध है।
http://www.dawn.com/2006/05/28/nat23.htm
http://www.dawn.com/2006/06/13/nat16.htm
http://www.shaivam.org/siddhanta/toi_pakistan.htm
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साभार....http://www.hindimedia.in/
2 टिप्पणियां:
phir kya changez khan, mohd.gauri ya lashkar-chhap logon ke liye likha hai, sahi baat to yeh hai ki gulaami ke peeche aap jaisi maansikta waale log hi jimmedar hain,
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