बुधवार, 8 जुलाई 2009

गाजियाबाद में रहता हूं अपना दर्द सुनता हूं

हूं लखनऊ का...लेकिन काम ने गाजियाबाद में ला पटका है...इससे पहले नोएडा में था..और उससे पहले हैदराबाद में...समय काटना किसे कहते हैं अब समझ में आ रहा है...गाजियाबाद में बिजली आती कम है जाती ज्यादा है...10 से 15 घंटे की कटौती...दिक्कत इस लिहाज से भी बड़ी है...कि बिजली और पानी पर देश की चिंता करने वाले ज्यादातर पत्रकार यहीं रहते हैं...अंदाजन पचास फीसदी से ज्यादा...लेकिन गाजियाबाद की इस दिक्कत पर मैने कभी लाइव होते नहीं देखा...और ना ही किसी अखबार में दो कॉलम से ज्यादा की खबर देखी...मर्ज बड़ा है...और मेरे मकानमालिक ने इसका इलाज भी बता दिया है...इन्वर्टर...लखनऊ में था तो इन्वर्टर के बारे में थोड़ा बहुत सुना था...हैदराबाद में कभी इसके बारे में सुनने की फुरसत नहीं मिली...नोएडा में जिस मकान में रहता था वहां मकानमालिक ने इन्वर्टर दे रखा था...मौसम का दस्तूर ही था कि इन्वर्टर की ज्यादा जरुरत नहीं पड़ा...दलालों (जिन्हे नोएडा और आसपास के इलाकों में प्रॉपर्टी डीलर के नाम से जानते हैं) ने ये बताने मे कोई कसर बाकी नहीं रखी कि मकान का भाड़ा इसलिए ज्यादा है कि क्योंकि इन्वर्टर की सुविधा है...लेकिन गाजियाबाद में जब पंखे ने हर दिन हर घंटे रुककर शहर की औकात बताई तो इन्वर्टर का मतलब समझ में आया...लेकिन फिर भी कई दिनों तक संपूर्ण क्रांति के इंतजार में बैठा रहा...लगा कि हो ना हो एक दिन गाजियाबाद के कई गजनी टाइप लोग पावरस्टेशन पर हमला बोलेंगे...बिजली के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पिटाई होगी...लोग बिजली का बिल देने से इंकार कर देगे.. अखबार और चैनल चीख चीखकर दिल्ली से सटे इलाके की दुर्दशा पर लाइव करेंगे...लेकिन क्रांति की चिंगारी उठे उससे पहले इन्वर्टर ने उस पर पानी फेर दिया...सोच रहा हूं बिजली के संकट से निपटने के लिए मैं भी इन्वर्टर ले आऊं...घर का संकट हल कर लूं...फिर देश के बिजली संकट पर खबर लिखूं...

6 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

घर का संकट हल कर लूं...फिर देश के बिजली संकट पर खबर लिखूं...


-ऐसा ही है!!

ओम आर्य ने कहा…

bahut hi badhiya

बेनामी ने कहा…

BAHUT SAHI LIKHE BHAI ....GAGIABAD KI BIJLI KA ANAD LE RAHA HON..

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

bahut sahi bataya aap ne,

mai bhi ek gaziabaad ka prani hoon
aane ke baad pata chala ki yahan to jaan chali jayegi bina light ke..
2 din hi nahi beete ki invertar lena pada..yahan aakar dekha to har 3rd shop invertor ka hai..

bhagwaan kare kalyaan is gaziabaad ka..sarkaar to kuch nai sochegi..

बेनामी ने कहा…

subodh ji
good bahut acha aur sahee lekha

arun dwivedi ने कहा…

main bhi delhi se 6 mahine pahel aaya hoon ghaziabad mein. yahan akar bijli aur pani ke sankat ke bare mein pata chla ab bhog raha hoon. bachhey bahut pareshan kar rahe hain delhi vapas jane ke liye. makan bechete samay builder ke raha tha ki bijli delhi ke tarah private hone wali hai, jp group ko ya reliance ko contact milne wala hai. ab pata chala ki yeh hume makan bechen ke lalach diya ja raha tha. vaishal mein rehne wale mitra ne bataya ki U.P. mein bijali delhi se jayada mehngi hai parntu bill delhi jitna hi aayega kyunki bijli to aati hi kum hai to kum bijli aur kum bill.